
वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज रिपोर्ट
दुबिहा, गाजीपुर।
वाराणसी-छपरा रेल मार्ग पर स्थित करीमुद्दीनपुर रेलवे स्टेशन, जो एक आदर्श स्टेशन के रूप में चिह्नित है, आज भी यात्री सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। सबसे बड़ी समस्या है – फुट ओवरब्रिज (FOB) का अधूरा निर्माण। तीन साल से बन रहा यह ब्रिज अब भी अधूरा है, जिसकी सीढ़ियां तक नहीं बन पाई हैं। नतीजतन यात्रियों को रेल ट्रैक पार कर प्लेटफॉर्म बदलना पड़ रहा है, जिससे दुर्घटना की आशंका लगातार बनी रहती है।
करीब 40 गांवों के यात्री, जो करइल और बांगर जैसे दूर-दराज इलाकों से आते हैं, रोजाना इस स्टेशन से आवागमन करते हैं। स्टेशन से प्रति माह करीब 8 से 10 हजार यात्री सफर करते हैं जिससे रेलवे को 3 से 4 लाख रुपये की आय होती है। बावजूद इसके बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
रेलखंड के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के बाद अब यहां तीन जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनें और तीन जोड़ी सवारी गाड़ियां रुकती हैं, लेकिन प्लेटफॉर्म की सुरक्षा आज भी अधूरी है। खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को ट्रैक पार करते समय बेहद कठिनाई होती है।
स्टेशन अधीक्षक अनिल राय का कहना है कि फुट ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है और फिनिशिंग कार्य अभी बाकी है। लेकिन यात्रियों की मांग है कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि भविष्य में कोई हादसा न हो।
📍अब सवाल ये उठता है कि जब स्टेशन को “आदर्श” घोषित किया गया है, तो फिर यात्री सुविधाओं में ये लापरवाही कब तक चलेगी?
(रिपोर्ट: वंदे भारत लाइव टीम, करीमुद्दीनपुर)